अब सियासतदानो को नही सियासत करनी चाहिए--@ DEEPAK SHARMA
अब सियासतदानो को नही सियासत क रनी चाहिए
बस जिस्मख़ोरी सज़ा तो फ़क़त फाँसी होनी चाहिये।
इंसान जब बनके दरिंदा हदें हैवानियत की तोड़ दे
गर्दने पागल वहशियों की चोराहों पे कटनी चाहिये।
हादसे कुछ दिन की ख़बरें बनकर रह जाते सुर्खियां
अहले-वतन अंजाम तक पूरी मुहीम होनी चाहिये।
ज़िन्दगी और मौत के बीच लाके हवस ने छोड़ दिया
कोई रौशनी बुझने से पहले कालिख़ मिटनी चहिये।
हाथों में शमा जलाने से इन्साफ कभी मिलता नही
हवशियों की बोटियाँ काट काट फेकनी चाहिये। .
"दीपक" सख़्त क़ानून क्योँ हुकूमत बनाती नही
नस्ल को जिस्मखोरों की सख्त सीख मिलनी चाहिए।
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